additional reading yoloxxx.com busty milfs pussylicking with cute stepteen.

अगर जिंदा रहना है तो हमें अपनी परंपराओं को बचना ही होगा

साथियों! अगर, हम आज़ादी के बाद अपनी खुद की जरुरत के अनुसार शिक्षा व्यवस्था का विकास करते, जो हमारी जातिगत बुराइयों और रुढियों को तोड़कर, परम्परागत कौशल को एक मज़बूत शैक्षणिक और आर्थिक आधार दे समय के अनुसार निखारता- तो आज हम भी दुनिया में…

अस्पृश्यता और भेदभावपूर्ण व्यवहार के खिलाफ आजीवन लड़ने वाले संत गाडगे महाराज के साथ अस्पृश्यता और…

साथियों आज (23 फरवरी, 2019) एक ऐसे सख्श की जन्मतिथि है जिसने दुनिया को तो नहीं पर भारत को जरूर सफाई से रहने की तमीज सिखाई। जिसने देवी-देवताओं (पत्थरों के) की सेवा और पूजा को व्यर्थ मान कर निर्धनों, उपेक्षितों, अशिक्षितों आदि की सेवा को ही…

गाडगे महाराज वैज्ञानिक दृष्टिकोन असलेले प्रसिद्ध समाजसुधारक

जन्मदिन : फेब्रुवारी २३, १८७६ गाडगे महाराज (फेब्रुवारी २३, १८७६- २० डिंसेंबर १९५६ ) हे गोरगरीब, दीनदलित यांच्यामधील अज्ञान, अंधश्रद्धा, अस्वच्छता यांचे उच्चाटन करण्यासाठी तळमळीने कार्य करणारे समाजसुधारक होते. तीर्थी धोंडापाणी देव रोकडा…

शिक्षा ही मुक्ति का द्वार है

साथियों हमारी जाति द्वारा अपने अस्तित्व की लड़ाई में विचार अनिवार्य उपकरण है। क्योंकि विचार शिक्षा से ही पैदा होते हैं और शिक्षा क्लासरूम से शुरू नहीं होती बल्कि बच्चे के जन्म के क्षण से ही शुरू हो जाती है। माता-पिता, वयस्कों और परिवार…

सक्षम और सशक्त सामाजिक-राजनीतिक नेतृत्व समय की जरूरत

*सक्षम और सशक्त सामाजिक-राजनीतिक नेतृत्व समय की जरूरत* साथियों अगर हम सफाई में लगी परंपरागत जातियों को देखें तो पाएंगे कि 2-3 जातियां ही ऐसी हैं जो आज भी अपने परंपरागत पेशे में लगी हैं। आज भी ये जातियां ही सही मायने में समाज सेवा करती…

रजक समाज का इतिहास संक्षिप्त मे

रजक समाज भारत के मूलनीवासी समुदायो मे से एक है और इसका जन्म भी मूलनीवासीयो से ही हुआ है. रजक समाज के लोग अन्य मूलनीवासीयो की तरह बराबरी मे भरोसा करने वाले लोग थे और वे सब बिना भेदभाव के मिलजुलकर रहते थे. रजक समाज के लोग भारत…

गाडगे बाबा का झाड़ू पूजा के किसी फूल से कम नहीं था

साथियों आज उस सख्श की पुण्यतिथि या परिनिर्वाण दिवस है जो केवल 'साक्षर' होते हुए भी गुलामी के उस दौर में शिक्षा की अलख जगा रहा था, जब पढ़ना-लिखना या विद्यालय जाकर शिक्षा ग्रहण करना सबके बूते के बाहर की चीज थी। उन्होंने अपने कीर्तन के माध्यम…

धोबी साबुन

क्या कोई अपने पैदा किए हुए बेटे को उपेक्षित करता है या फेंकता है❔ आपका जवाब होगा शायद नहीं। पर हमने किया है ऐसा। हम अपने पुरखों के सम्पूर्ण सृष्टि पर उम्दा और बेजोड़ आविष्कार को अपनाए नहीं रह सके और हमेशा के लिए छोड़ दिया है या घृणित…

रोजगार के नये आयामों की सुगमता होते हुए भी रजक समाज सदियों से चले आ रहे पुराने कार्यों को ही आमदनी…

साथियों,?? बात शिक्षा व अज्ञानता के लिए विलाप करने से परे की है, वर्तमान सन्दर्भ में लघु एवं कुटीर उद्योग लगाकर, व नवीन तकनीकी का उपयोग कर हम आप छोटी से छोटी शुरुआत कर भविष्य को संवार सकते हैं, सरकारी सहायता का रोना बंद करिए।। मैंने…
sikiş reina sakai poses nude while fingering her twat.