रजक समाज भारत के मूलनीवासी समुदायो मे से एक है और इसका जन्म भी मूलनीवासीयो से ही हुआ है. रजक समाज के लोग अन्य मूलनीवासीयो की तरह बराबरी मे भरोसा करने वाले लोग थे और वे सब बिना भेदभाव के मिलजुलकर रहते थे. रजक समाज के लोग भारत देश के विभिन्न प्रांतो मे आर्यो […]


साथियों,?? बात शिक्षा व अज्ञानता के लिए विलाप करने से परे की है, वर्तमान सन्दर्भ में लघु एवं कुटीर उद्योग लगाकर, व नवीन तकनीकी का उपयोग कर हम आप छोटी से छोटी शुरुआत कर भविष्य को संवार सकते हैं, सरकारी सहायता का रोना बंद करिए।। मैंने सशक्त विचारों से सामाजिक, सहभागिता, स्वंय सहायता समूह, स्वरोजगार […]

गाडगे महाराज (२३ फेब्रुवारी १८७६ – २० डिंसेंबर १९५६). एक थोर आधुनिक मराठी संत व समाजसुधारक. त्यांचा जन्म शेणगाव (जि. अमरावती ) येथे परीट जातीत झाला. वडिलांचे नाव झिंगराजी व आईचे सखूबाई. आडनाव जाणोरकार. त्यांचे मूळ नाव डेबूजी असे होते. तथापि त्यांचा वेश म्हणजे अंगावर फाटकी गोधडी आणि हातात गाडगे असा असल्यामुळे लोक त्यांना ‘ […]
